मनुष्य ने जब से अपने विचारों और भावों को भाषा में अभिव्यक्त करना सीखा तब से लेकर आज तक, मानव सभ्यता और
संस्कृति, भाषा और साहित्य में अपनी अभिव्यक्ति पा रही है। हमारे देश में इस अभिव्यक्ति को संस्थागत रूप देने के लिए गुरुकुल
बने, विद्यालय और विश्वविद्यालय बने। विश्वविद्यालयों में भाषा और साहित्य एक अनुशासन के रूप में प्रतिष्ठित हुआ । हमारे
महाविद्यालय में भी भाषा और साहित्य की इसी ज़िम्मेदारी को हिंदी विभाग की साहित्यिक समिति ‘हिंदी साहित्य परिषद ‘
बखूबी निभा रही है। परिषद साल-दर-साल साहित्य और संस्कृति से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर कार्यक्रम आयोजित करके छात्रों को
मानवीय मूल्यों के प्रति संवेदनशील बना रही है। काव्य पाठ, कविता –लेखन, वाद-विवाद और विभिन्न व्याख्यानों के माध्यम से
छात्रों की रचनात्मक प्रतिभा को उभारने का अवसर दे रही है। फिल्म स्क्रीनिंग के द्वारा सामयिक और ज्वलंत मुद्दों के प्रति उन्हें
जागरूक कर रही है। परिषद भविष्य में भी छात्रों के रचनात्मक उन्नयन के लिए उपरोक्त भूमिका बखूबी निभाती रहेगी।